
toilet sheet आज कल साफ़ सफाई का होना काफी जरुरी है क्योंकि किस दिन कौन सा नया वायरस किसकी जान ले ले ये कोई नहीं कह सकता। हम अपने घरों की सभी चीजों को हर समय साफ़ करते रहते हैं। हमें लगता है कि हम अब सुरक्षित हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी चीज है जिसके जरिये हम हर दिन न जानें कितने कीटाणु अपने शरीर के अंदर पहुंचा रहे हैं। एक स्टडी में काफी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
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टेबल से लेकर किताबों और किचन तक, यहां तक कि स्मार्टफोन्स पर भी जिसका हम दिनभर इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, टॉयलेट एक ऐसी जगह है जहां जाहिर है सबसे ज्यादा कीटाणू पाए जाते होंगे, जिसकी वजह भी साफ है। लेकिन अगर हम आपको कहें कि रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली एक ऐसी चीज भी है, जिसपर टॉयलेट की तुलना 40 हजार गुना ज्यादा गंदगी पाई जाती है?
आपको यह जानकर हैरानी होगी, लेकिन रीयूजेबल पानी की बोतल पर टॉयलेट से भी ज्यादा कीटाणु पाए जाते हैं। अमेरिका स्थित वॉटरफिल्टरगुरु डॉट कॉम के विशेषज्ञों की एक टीम ने दावा किया है उन्हें शोध में यह पाया है।
हफपोस्ट द्वारा रिपोर्ट की गई एक स्टडी के अनुसार, शोधकर्ताओं की एक टीम ने खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने पानी की बोतल के कई हिस्सों से स्वैब लिए, जिसमें बोतल का ढक्कन, मुंह और ऊपरी हिस्सा शामिल है। उन्होंने इन जगहों से दो तरह के बैक्टीरिया मिले- bacilios और ग्राम-नेगेटिव रॉड्स।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पानी की बोतल को लोग नुकसान पहुंचाने वाली चीज नहीं मानते। जबकि, सच्चाई बेहद अलग है।
बैक्टीरिया सेहत को किस तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं?
स्टडी में, शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया ऐसे संक्रमण का कारण बन सकता है, जिस पर एंटीबायोटिक भी असर नहीं करती। वहीं, bacillus, गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल दिक्कतों की वजह बनता है।
एक्सपर्ट्स ने बोतल की साफ सफाई की तुलना घर में रखी दूसरी चीजों से भी की। उन्होंने बताया कि पोनी की बोतल पर किचन के सिंक से दो गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं, कम्प्यूटर के माउस से चार गुना और पेट्स के पानी के बाउल से 14 गुना ज्यादा गंदगी होती है। इसके अलावा हमारा मुंह भी कई माईक्रोब्स और बैक्टीरिया का घर होता है, यही वजह होती है कि पानी के बर्तन भी बैक्टीरिया से भरे होते हैं।
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इसके अलावा शोधकर्ताओं ने बोतलों की सफाई की घरेलू वस्तुओं से तुलना की और कहा कि उनमें रसोई के सिंक से दोगुने कीटाणु होते हैं. एक कंप्यूटर माउस पर मौजूद बैक्टीरिया की तुलना में इसमें चार गुना और एक पालतू जानवर के पानी पीने के कटोरे से 14 गुना अधिक बैक्टीरिया हो सकते हैं. इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के मानव विज्ञानी डॉक्टर एंड्रयू एडवर्ड्स ने कहा कि इन बोतलों की वजह से अब इंसानों का मुंह कीटाणुओं का घर बन गया है. शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि बार-बार उपयोग होने वाली बोतलों को दिन में कम से कम एक बार गर्म पानी और साबुन से धोना चाहिए.