कौन हैं IAS Rishi Garg जिन्हें हरदा अग्निकांड के बाद कलेक्टर पद से हटाया, UPSC के लिए छोड़ी 8 लाख की नौकरी, वृद्ध होमगार्ड को कलेक्ट्रेट के चक्कर लगवाने की सजा को लेकर विवादों में भी रहे 

भोपाल। IAS Rishi Garg: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने हरदा पटाखा ब्लास्ट केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले के कलेक्टर ऋषि गर्ग को हटा दिया। 2013 बैच के IAS गर्ग को मंत्रालय में अटैच कर दिया गया है। ऋषि गर्ग हरदा के 20वें कलेक्टर के रूप में पदस्थ थे लेकिन इस भयानक हादसे ने उनका ट्रांसफर करवा दिया। ऋषि गर्ग ने 8 लाख रुपए की नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी की और उसमें सफल भी हुए। उन्होंने अलग-अलग पद पर रहते हुए कई जिलों की जिम्मेदारी संभाली। कहीं पर उनके काम को लेकर चर्चा होती तो पर वृद्ध होमगार्ड को कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने की सजा देने पर उनका विरोध भी हुआ। आइये बताते हैं उनके जेवण से जुड़े कुछ अहम किस्से 

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ऋषि गर्ग (Rishi Garg) एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं

IAS Rishi Garg: उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्में ऋषि गर्ग एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता पीडब्ल्यूडी में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर थे जो अब रिटायर हो चुके हैं। उन्होंने लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल से पढ़ाई की है। साल 2004 में उन्होंने आईआईटी जेईई की परीक्षा 249 वीं रैंक के साथ निकाल ली और आईआईटी कानपुर में दाखिला पाया। उन्होंने यहां से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। 

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मुंबई में एक लीगल फर्म में काम करना शुरू किया

IAS Rishi Garg: ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने मुंबई में एक लीगल फर्म में काम करना शुरू किया जहां वह अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए पेटेंट तैयार करने का काम करते थे।  उस वक्त उनका पैकेज 8 लाख रुपए सालाना का था। एक दोस्त को UPSC की तैयारी करता देख उनका भी इसमें रुझान हो गया और उन्होंने पढ़ाई शुरू कर दी। साल 2012 में यूपीएससी में 398वीं रैंक हासिल की और आईआरएस बने। इसके बाद यूपीएससी 2013 में देशभर में 49वीं रैंक लाकर आईएएस अफसर बने। 

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होमगार्ड को सुनाई कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने की सजा 

ऋषि गर्ग श्योपुर में जिला पंचायत CEO रहने के दौरान एक होमगार्ड को कलेक्ट्रेट ऑफिस के 5 चक्कर लगाने की सजा देने को लेकर विवादों में भी रहे हैं। बताया जाता है कि एक दिन जब वह कलेक्टर की बैठक से बाहर निकले तो अपनी गाड़ी के पास उन्होंने होगार्ड जवान को नहीं देखा। इससे वह बुरी तरह झल्ला गए और 52 वर्षीय होमगार्ड को कलेक्ट्रेट के 5 चक्कर लगाने की सजा सुना दी।

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होमगार्ड जवानों ने कलेक्टोरेट के बाहर प्रदर्शन किया

होमगार्ड जवान रामअवतार ने चक्कर लगाना शुरू कर दिया, लेकिन पांच चक्कर में ही वह बुरी तरह हांफ गया और बैठ गया। यह घटना जैसी ही मीडिया की सुर्खी बनी तो होमगार्ड जवान भी एक हो गए। शनिवार शाम सभी होमगार्ड जवानों ने कलेक्टोरेट के बाहर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम आरबी सिंडोस्कर को ज्ञापन दिया। उन्होंने यह तक कह दिया कि उनमें से कोई भी अधिकारी की सुरक्षा में नहीं रहेगा।

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