Pandit Pradeep Mishra In Raipur: पंडित प्रदीप मिश्रा की पहले दिन की कथा समाप्त, लोगों से कही यह बात

Pandit Pradeep Mishra In Raipur

pandit pradeep mishra in raipur: छत्तीसगढ़ के अमलेश्वर में पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले की शिव महापुराण कथा का शुभारंभ हो चुका है इसके साथ ही राजधानी रायपुर , दुर्ग व अमलेश्वर पूरा शिवमय हो चुका है। आयोजक खंडेलवाल व मोनू साहू परिवार ने शिव महापुराण के लिए जोर-जोर से तैयारी की जिसका प्रतिसाद देखने को मिल रहा है की कथा स्थल के चारों ओर से श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ रही है इसके साथ ही इस कार्य की लोग जमकर आयोजकों की सराहना कर रहे हैं। आज कथा के प्रथम दिवस छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव उपस्थित हुए और महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया इसके साथ ही उन्होंने आयोजक पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू व परिवार जनों से मिलकर इस कार्य की सराहना की और उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित किया। आपको बता दें कि शिवमहापुराण कथा के आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग मिल रहा है। आपको बता दें कि आमजनों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए पुलिस प्रशासन और फोर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

pandit pradeep mishra in raipur

जीवन में अगर आपको सबसे ज्यादा कष्ट हो तो भगवान शिवजी की पांच बेटियों के नाम से बेलपत्र चढ़ाए और फिर 15 दिनों के भीतर सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। लेकिन जब शिव महापुराण कथा श्रवण करने आए तो संपूर्ण समर्पण के साथ आए, आधा-अधुरा समर्पण कोई काम नहीं होता है। भगवान शंकर के मंदिर में कभी भी नारियल फोड़ा नहीं जाता हैं बल्कि आधा चढ़ाया जाता हैं। एक सनातन धर्म ही ऐसा है जो पूरे विश्व में हमें सिखाता है कि पानी, पशुओं, नदी में भी भगवान बरसते हैं इसलिए सनातन धर्म की प्रबलता बढ़ते जा रही है। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने अमेलश्वर में आयोजित समर्पण विषय पर श्रद्धालुओं को उक्त बातें बताई। प्रथम दिवस कथा श्रवण करने के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी पहुंचे हुए थे, उन्होंने कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं के समक्ष कहा कि कथा वाचक प्रदीप मिश्रा सनातनियों को जगाने के लिए काम कर रहे हैं और उन्हें विश्वास हैं कि सनातनी जरुर जागेंगे। साव ने प्रदीप मिश्रा का साल व श्रीफल देकर सम्मानित किया। बाबा तेरा डमरू डम डम बाजे सारे जहाँ में…पर कथा श्रवण करने आये श्रद्धालु जमकर झूमे। किन्नर समाज क़ी माधवी भी कथा श्रवण करने के लिए पहुंची. इससे पूर्व आयोजक पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू व बसंत अग्रवाल के अलावा परिवारजनों ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा का आरती उताकर स्वागत किया।

जीवन में अगर आपको सबसे ज्यादा कष्ट हो तो भगवान शिवजी की पांच बेटियों के नाम से बेलपत्र चढ़ाए और फिर 15 दिनों के भीतर सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। लेकिन जब शिव महापुराण कथा श्रवण करने आए तो संपूर्ण समर्पण के साथ आए, आधा-अधुरा समर्पण कोई काम नहीं होता है। भगवान शंकर के मंदिर में कभी भी नारियल फोड़ा नहीं जाता हैं बल्कि आधा चढ़ाया जाता हैं। एक सनातन धर्म ही ऐसा है जो पूरे विश्व में हमें सिखता है कि पानी, पशुओं, नदी में भी भगवान बरसते हैं इसलिए सनातन धर्म की प्रबलता बढ़ते जा रही है। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने अमेलश्वर में आयोजित समर्पण विषय पर श्रद्धालुओं को उक्त बातें बताई। प्रथम दिवस कथा श्रवण करने के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी पहुंचे हुए थे, उन्होंने कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं के समक्ष कहा कि कथा वाचक प्रदीप मिश्रा सनातनियों को जगाने के लिए काम कर रहे हैं और उन्हें विश्वास हैं कि सनातनी जरुर जागेंगे। साव ने प्रदीप मिश्रा का साल व श्रीफल देकर सम्मानित किया। बाबा तेरा डमरू डम डम बाजे सारे जहाँ में…पर कथा श्रवण करने आये श्रद्धालु जमकर झूमे। किन्नर समाज क़ी माधवी भी कथा श्रवण करने के लिए पहुंची. इससे पूर्व आयोजक पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल, मोनू साहू व बसंत अग्रवाल के अलावा परिवारजनों ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा का आरती उताकर स्वागत किया।

पंडित मिश्रा ने कहा कि लेकिन यहां देखा यह जाता हैं कि पिता नशे में डूबा है तो उसका बच्चा भी उसमें डूबने का प्रयास करता है। भगवान श्रीरामचंद्र जीत के पिता दशरथ रोजाना शिवलिंग का निर्माण करते थे और रोजाना ही उसकी पूजा भी करते थे. हम जब भी कहीं जाते हैं तो संकल्प लेकर जाते हैं कि अपना भला हो बाकी का नहीं, पर भगवान रामजी सभी का भला लेकर जाते थे। विश्वास रखकर कार्य करने पर भगवान फल जरुर देते हैं। भगवान शंकर के मंदिर में नारियल फोड़ा नहीं जाता बल्कि बाहर में नारियल को ऐसा फोड़ा जाता हैं कि वह दो टूकड़ों बंट जाए जिससे कि आधा भगवान को चढ़ाया जा सकें और आधा प्रसादी के रुप में घर ले जा सकें। हम यह हमेशा देखते हैं कि बाकी सभी देती-देवताओं के मंदिरों में नारियल का एक छोटा टूकड़ा चढ़ाकर हम पूरी नारियल घर ले जाते हैं। एक सनातन धर्म ही ऐसा है जो पूरे विश्व में हमें सिखता है कि पानी, पशुओं व नदी में भी भगवान वास करते है इसलिए सनातन धर्म की प्रबलता दिनों दिन बढ़ते जा रही है।

कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जीवन में अगर आपको ऐसा लगे कि आपका जीवन ज्यादा कष्ट में बीत रहा है तो आप अपने घर के गमले की मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण कर भगवान शिव की पांचो बेटियों के नाम लेकर बेल पत्र उसमें प्रतिदिन चढ़ाए और आप देखेंगे कि मात्र 15 दिनों में आपके दुख दूर हो जाएंगे। जहाँ शिव महापुराण क़ी कथा होती है. वह जगह शिव धाम हो जाती है, जब तक कथा शुरू नहीं हुआ था यह जगह पंडाल था, अब यह जगह कैलाश हो गया है। कथा श्रवण करने के लिए दुर्ग से पहुंचा एक परिवार का पर्चा कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने निकाला और पढ़कर सुनाया कि 13 मई को उसके पिताजी का चेकअप कराया जिसमें पता चला कि उसे कैंसर हो गया है।

इसके बाद उन्होंने भगवान शिवजी जी पर रोजाना प्रार्थना करते हुए एक लोटा जल चढ़ाया शुरु किया और 25 मई दोबारा चेकअप कराया तो पता चला कैंसर छू मंतर हो गया है। उसी क्षण उसने प्रण ले लिया कथा सुनने का. और कथा स्थल अमलेश्वर तक पैदल चलकर आएंगे, और वह पहले ही दिन कथा सुनने पिताजी के साथ पहुंचे हुए थे। इसके अलावा पंडित जी ने एक पत्र निकालकर पढ़ा और बताया कि 19 साल तक एक महिला को कोई संतान नहीं हुआ, वह टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर भी गई थी उसमें भी उसे सफलता हाथ नहीं लगी. तब उन्होंने रायपुर के गुढिय़ारी में प्रदीप मिश्रा जी क़ी कथा का श्रवण किया और रोजाना शिव महापुराण की कथा का श्रवण करने के साथ भगवान शिव जी पर एक लोटा जल चढ़ाना शुरु की और 10 दिन बाद गर्भ ठहर गया।

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