ब्रम्हास्त्र का विक्रय कर स्वावलंबी हो रही समूह की महिलाएं, जोरातराई गौठान में गौमूत्र से ब्रम्हास्त्र जैविक कीट नियंत्रक का किया जा रहा निर्माण

मोहला। छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन का संरक्षण करते हुए गौमूत्र की खरीदी शुरू की है। गौपालकों और ग्रामीणों से 4 रूपए लीटर में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। खेती में अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के उपयोग से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है। अब गौठानों में गौमूत्र की खरीदी कर महिला समूहों के माध्यम से इससे जैविक कीटनाशक तैयार किए जा रहे है, जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गौमूत्र कीटनाशक, रासायनिक कीटनाशक का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले, फलछेदन एवं तनाछेदक कीटों के प्रति गौमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज्यादा प्रभावकारी है। इस योजना का लाभ सभी किसान ले रहे हैं।

जिले के अंबागढ़ चौकी विकासखंड के जोरातराई गौठान में जय मां गौरी स्वसहायता समूह की महिलाएं जैविक कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र का विक्रय कर स्वावलंबी बन रही है और ब्रम्हास्त्र विक्रय से 46 हजार 800 रूपए की आमदनी हुई है। समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान में गौमूत्र से जैविक कीट नियंत्रक बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ब्रम्हास्त्र निर्माण के लिए पशुधन विकास विभाग द्वारा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए समूह को स्थानीय होटलों एवं ढाबो में उपयोग किए गए बॉटल आदि की सहायता मिल गयी है।

जिससे रिसाईक्लिंग की समस्या का समाधान के साथ यह इसका अच्छा उपयोग हो गया है। इससे समूह की महिलाओं की लागत दर में भी कमी आ गई है। ब्रम्हास्त्र का मूल्य प्रति लीटर शासन द्वारा निर्धारित मूल्य 50 रूपए रखा गया है। जो बाजार में उपलब्ध अन्य कीट नियंत्रकों से काफी सस्ता एवं प्रभावी है। जो हर व्यक्ति आसानी से उसका क्रय कर सके। समूह के द्वारा अभी तक क्रय किये गये 1910 लीटर गौमूत्र के उपयोग से 955 लीटर जैविक कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र का निर्माण किया जा चुका है। जिसमें 936 लीटर ब्रम्हास्त्र के विक्रय से समूह के द्वारा 46 हजार 800 रूपए की राशि अर्जित की जा चुकी है। वर्तमान में ब्रम्हास्त्र रियायती दर पर किसानों के लिए सी-मार्ट एवं मार्केट में उपलब्ध है। ब्रम्हास्त्र का प्रयोग भी बहुत आसान है।

एक हेक्टेयर फसल पर छिड़काव के लिए 5 से 6 लीटर छान ले और 250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाता है। यह खेतों के लिए जीवामृत है। इसके अनेक लाभ हैं। समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है इसके साथ किसानों की जमीन को कोई नुकसान नहीं होगा। इसका प्रयोग कर अधिक पैदावार ले सकते हैं, जिससे भूमि की उर्वरक क्षमता बरकरार रहेगी। किसानों को जो रासायनिक कीटनाशक खरीदने में खर्च होता था वह बच जाएगा।

जिले में जैविक खाद के निर्माण से जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौमूत्र खरीदी का मकसद गौठानों में इससे जैविक कीटनाशक, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि जिले के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराए जा सके।

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