
This scheme of RBI will get 8.51 percent interest annually RBI ने अपनी FB यानि फ्लोटिंग बॉन्ड की ब्याज दरों में बढोत्तरी कर दी है जो कि किसी भी अन्य सरकारी बंद की FD से कहीं ज्यादा है। इस ब्याज दर के बढ़ने से ग्राहकों को काफी राहत मिली है। लेकिन नई ब्याज दर सिर्फ 6 महीने के लिए बढ़ाई गई है और 21 सितंबर, 2023 के बाद आरबीआई इसकी दोबारा समीक्षा करेगा।
लेकिन फिलहाल खुशखबरी यह है कि तब तक ग्राहकों को 8.51 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा और उनका पैसा भी सरकार की गारंटी में पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
This scheme of RBI will get 8.51 percent interest annually
आरबीआई ने अपने बयान में कहा, ‘यह याद रखना चाहिए कि FRB, 2033 में एक कूपन होगा जिसकी बेस रेट 182 दिन के टी-बिल्स (182 Day T Bills) के पिछले 3 ऑक्शन (दर निर्धारण के दिन से, यानी 22 मार्च, 2023) की वेटेड एवरेज यील्ड (WAY) के समान होगी. वेटेड एवरेज यील्ड की गणना एक साल में 365 दिन की गिनती के द्वारा की जाएगी.’
क्या है फ्लोटिंग रेट बॉन्ड? What is floating rate bond?
आजकल फ्लोटिंग रेट बॉन्ड काफी चर्चा में हैं. सरकार ने जब से आरबीआई बॉन्ड के बदले फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड, 2020-टैक्सेबल) जारी किए हैं, तभी से इनकी काफी चर्चा हो रही है. आपको बता दें कि फ्लोटिंग रेट बॉन्ड, उन सिक्योरिटीज को कहा जाता है जिन पर कोई फिक्स कूपन रेट या ब्याज दर नहीं रहता है. इसके एक तरह के नहीं बल्कि कई कूपन रेट होते हैं, जिसे पहले से तय समय सीमा में हर बार फिर से सेट किया जाता है.
किसी रेगुलर बॉन्ड में आपको एक तय दर से ब्याज मिलता है. बॉन्ड की इस ब्याज दर को कूपन कहते हैं. इस कूपन के साथ ही अक्सर कोई बॉन्ड जारी होता है. इसका मतलब है कि निवेशक को पहले से पता होता है कि बॉन्ड पर उसे कितना ब्याज मिलने वाला है. हालांकि, फ्लोटिंग रेट बॉन्ड में ब्याज की दर फिक्स नहीं होती है. यह ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है.
बता दें रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया भारत का केंद्रीय बैंक और भारतीय बैंकिंग प्रणाली के नियमन के लिए जिम्मेदार नियामक निकाय है। यह वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के स्वामित्व में है। यह भारतीय रुपये के नियंत्रण, जारी करने और आपूर्ति को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।