भूगोल अध्ययनशाला में 14 सितंबर, 2023 को पर्यावरण रूपांतरण एवं उभरती उलझने विषय पर व्याख्यान का हुआ आयोजन

रायपुर-पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के भूगोल अध्ययनशाला में पब्लिक आउटरिच प्रोग्राम के अन्तर्गत एम.ए./एम.एस.सी. प्रथम, तृतीय सेमेस्टर एवं शोधार्थियों के बौद्धिक विकास हेतु विस्तार व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। 14 सितंबर, 2023 को अध्ययनशाला में आयोजित इस व्याख्यानमाला का विषय पर्यावरण रूपांतरण एवं उभरती उलझने था , जिसके मुख्यवक्ता प्रो. संतोष शुक्ला, पूर्व संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष, हरिसिंह गौर कन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर मध्यप्रदेश रहे । कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथि प्रोफेसर एम. पी. गुप्ता, पूर्व विभागाध्यक्ष, भूगोल अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर एवं टी.एल. वर्मा विभागाध्यक्ष,भूगोल विभाग, शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर रहे। सर्वप्रथम मुख्यवक्ता प्रो. संतोष शुक्ला का स्वागत एवं सम्मान भूगोल विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. उमा गोले द्वारा पुष्पगुच्छ भेट कर किया गया ।

मुख्यवक्ता रहे प्रोफेसर शुक्ला ने अपने व्याख्यान में सर्वप्रथम स्पष्ट किया की किस प्रकार भूगर्भिक समय मापनी के अनुसार मानव का विकास हुआ तथा पर्यावरण का रूपांतरण कर मानव ने किस प्रकार कृषि एवं पशुपालन जैसे आर्थिक कार्यों को प्रारंभ किया। पर्यावरण में रूपांतरण कर मानव ने औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया जिसने मानव को आर्थिक मानव के रूप में परिवर्तित कर दिया। मानव विकास एवं पर्यावरण रूपांतरण के दौर से गुजरते हुए एक समय ऐसा आया जब जनसंख्या एवं खाद्यान्न में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई तब मानव ने हरित क्रांति के रूप में इस समस्या का समाधान खोज निकाला।

अपने आर्थिक क्रियाकलापों द्वारा मानव ने पर्यावरण में इतना अधिक रूपांतरण कर दिया कि इससे पर्यावरण में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई जो वास्तव में सबसे गंभीर समस्या के रूप में वर्तमान में सामने आई है। इन समस्याें में मुख्य रूप से पेड़ों की कटाई से उत्पन्न विभिन्न पर्यावरणीय समस्या, बंजर भूमि की समस्या, जल स्रोतों के सूखने की समस्या एवं विभिन्न बीमारियों के उत्पन्न होने की समस्या प्रमुख रूप से सामने आ रही है। प्रोफेसर शुक्ला ने अपने व्याख्यान में इन समस्याओं के समाधान के लिए कई सुझाव भी प्रस्तुत किए। भूगोल विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. उमा गोले ने प्रो. शुक्ला को इस प्रासंगिक विषय पर चर्चा के लिए आभार एवं बधाई देते हुए कहा कि छात्रों को निश्चित रूप से इस व्याख्यान के बाद पर्यावरणीय रूपांतरण विषय पर सोचने का सुअवसर प्राप्त होगा ।

इस कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ . टीके सिंह ने किया । इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक डॉ. गीता राय, डॉ. गौरी वर्मा, डॉ. पूर्णिमा शुक्ला, सरस्वती बेरवंसी, डॉ. सुचिता बघेल, डॉ. दीपक बेज, शिबशंकर मैति, डॉ. शिवेन्द्र बहादुर, शोध छात्र- छात्राएँ एवं एम.ए./एम.एस.सी. प्रथम, तृतीय सेमेस्टर के छात्र / छात्राएँ उपस्थित थे ।

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