महाराष्ट्र में सियासी संकट गहराया हुआ है। कल देर रात से ही शिवसेना नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे 29 विधायकों के साथ सूरत के होटल में रुके हुए हैं और बताया जा रहा था कि वे सीएम उद्धव का भी फोन नहीं उठा रहे हैं। वहीँ बताया जा रहा है कि उसमे से 10 विधायक कांग्रेस के भी हैं जिससे कांग्रेस में भी हलचल मची हुई है।
ऐसे में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है। बता दें जिस स्थिति को संभालने कमलनाथ को ये जिम्मेदारी दी गई है वो वाक्या उनके साथ साल 2020 में भी हो चुका है। कमलनाथ जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस समय एमपी में भी यही हाल था जब ज्योतिरादित्य सिंधिया बागी हो गए थे और कई विधायकों को लेकर एक रिजॉर्ट में रुके थे। उन्हें मनाने की जिम्मेदारी उस समय दिग्विजय सिंह को दी गई थी लेकिन अंत में नतीजा ये रहा था कि कमलनाथ को अपने सीएम पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था।
अब देखना यह होगा कीं जब यही सियासी संकट महाराष्ट्र में है तब क्या कमलनाथ सियासी संकट को उबारने में संकटमोचक साबित हो पाएंगे?