कैसे संवरे छात्रों का भविष्य : किस तरह की शिक्षा दे रहा इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, 100 में से 84 प्रतिशत बच्चे फेल, बीएससी कृषि हॉर्टिकल्चर में सिर्फ 6 प्रतिशत हुए उत्तीर्ण, देखें पूरी लिस्ट…

रायपुर। माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई के लिए इसीलिए बड़े विश्वविद्यालय में दाखिल करते हैं ताकि वे अच्छे नंबरों से पास होकर अपना और प्रदेश का नाम ऊंचा करे लेकिन विश्वविद्यालय की अव्यवस्था की वजह से छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ा है। हाल ही में बीएससी और हार्टिकल्चर पाठ्यक्रम के परिणाम घोषित किये गए हैं जिसमे चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। विश्वविद्यालय ने जो परिणाम घोषित किये हैं उसक मुताबिक 100 फीसदी छात्रों में से 84 फीसदी छात्र तो फेल हो गए हैं वहीँ मात्र 16 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं।

84 फीसदी में से 48 फीसदी छात्र बैक कैटगरी में हैं वहीँ 36 प्रतिशत को ईयर बैक लगा है। कई कॉलेजों में मात्र 4 से 5 छात्र ही उत्तीर्ण हुए हैं। विश्वविद्यालय का यह परिणाम सबसे खराब परिणाम का रिकॉर्ड है। बता दें कि पहले सेमेस्टर की परीक्षा अप्रैल महीने में आयोजित की गई थी जो की ऑनलाइन मोड पर आधारित थी वहीँ अगस्त में दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा ली गई थी।

इस रिजल्ट के आने के बाद छात्रों में काफी रोष है वहीँ उनके परिजन भी काफी चिंतित हैं। इस मामले में छात्र संगठन NSUI का भी आरोप है कि विश्वविद्यालय अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रहा है। शिक्षा के गुणवत्ता मे भारी गिरावट कुलपति Dr. Girish Chandel के कार्यकाल मे आ गई है। बता दें कि काफी विवादों के बाद डॉ गिरीश चंदेल को कुलपति नियुक्त किया गया था लेकिन विश्वविद्यालय में व्यवस्था सुधरने के बजाय और बिगड़ गई और परिणाम भी।

विवि से संबद्ध 11 हॉर्टिकल्चर कॉलेजों में 496 छात्र है। इनमें से 6 प्रतिशत छात्र ही पूर्णतः उत्तीर्ण हो सके है। 48 प्रतिशत छात्रों को बैक मिला है। जबकि 46 प्रतिशत छात्र ईयर बैक श्रेणी में आ गए हैं। 31 कृषि महाविद्यालयों में 1893 छात्र है। इनमें से मात्र 195 प्रतिशत छात्र ही उत्तीर्ण हो सके है। बैक श्रेणी में 485 प्रतिशत छात्र है तथा ईयर बैक में 32 प्रतिशत छात्र है। दोनों पाठ्यक्रम मिलाकर 2 हजार 362 छात्रों ने परीक्षा दिलाई। इनमें से 16 प्रतिशत छात्र ही उत्तीर्ण हो सके हैं। 48 प्रतिशत छात्र बैक श्रेणी में है। वहीं 36 प्रतिशत छात्र ईयर बैक केटेगरी में है अर्थात इन छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा। ये है नियम कृषि पाठ्यक्रम चार वर्ष का होता है।

प्रत्येक वर्ष में 2 सेमेस्टर होते है। एक सेमेस्टर में 10 विषय होते है। इस तरह से प्रत्येक वर्ष छात्रों को 20 विषयों की परीक्षा दिलानी होती है। इनमें से कम से कम 15 विषयों में छात्रों को उत्तीर्ण होना जरूरी है। यदि 6 अथवा उससे अधिक विषय में छात्र फेल होते है, तो उसे ईयर बैक केटेगरी में रखा जाता है। अर्थात छात्रों को अगले वर्ष में प्रवेश नहीं दिया जाता है। छात्रों को पुनः उस वर्ष की पढ़ाई करनी होती है। यदि छात्र 5 अथवा उससे कम विषय में फेल होता है तो उसे बैक श्रेणी में रखा जाता है। इन छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश तो मिल जाता है, लेकिन जिन विषयों में ये छात्र फेल होते है, उनकी परीक्षा उन्हें दिलानी होती है।

किस कॉलेज से कितने छात्र हुए उत्तीर्ण? देखें पूरा डाटा

College of agriculture lormi mungeli..
Total students 49
All clear – 2 students
Year back- 36

College Name- उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर
Total students 96
All clear student 5
Year back- 57

College Name- SGCARS जगदलपुर
Total students 115
All clear – students 37
Year back- 20

College Name – CHHATTISGARH COLLEGE OF AGRICULTURE, BHILAI, DURG
Total students – 53
All clear students-3
Year back – 35

College Name- CARS KANKER
Total students 85
All clear – students 02
Year back- 56

College Name – college of agriculture Raigarh
Total students 30
All clear 2
Year back-19

College Name- BCA- kawardha
Total students 28
All clear – students 8
Year back- 20

College Name- CARS korea
Total students 64
All clear – students 1
Year back- 26

( 31 Agriculture college’s)

AC — 19.5%
Back– 48.5%
Year Back — 32%

Total 1893 2nd sem students

( 11 HORTICULTURE college’s)

AC — 6%

Back– 48%

Year Back — 46%

Total- 469
2nd sem students

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